रेणु के कहानी साहित्य में ग्रामीण चेतना
Keywords:
साहित्य, ग्रामीण चेतनाAbstract
फणीश्वरनाथ रेणु की प्रसिद्धि ग्रामकथा-लेखन और यथार्थवादी से हुआ है। फणीश्वरनाथ रेणु क® विशेषतः ‘मैला आँचल’ और ‘परती परिकथा’ के रूप में याद किया जाता है जबकि रेणु जी ने पाँच दर्जन से अधिक कहानियों की भी रचना की है। रेणु की पहली औपन्यासिक कृति मैला आँचल का प्रकाशन में हुआ। उसे ‘गोदान’ के बाद का दूसरा महाकाव्यात्मक उपन्यास माना गया।
शिक्षा औद्योगीकरण एवं आधुनिकीकरण गांव को नयी मानसिकता प्रदान करते है। अंधविश्वासों के जड़बद्धता संस्कार अब हिलने लगे हैं। ‘‘रेणु’’ को ग्राम परिवेश का समग्र बोध है। उन्हें उसके यथार्थ की गहरी परख और पहचान