उपमा कालिदासस्य
Keywords:
संस्कृत साहित्यAbstract
महाकवि कालिदास संस्कृत साहित्य के कविकुलगुरू के रूप में प्रतिष्ठित है। ये नाटक महाकाव्य एवं ज्योतिष परम्परा में भी निष्णात माने गये है। इन्होने कुल 7 ग्रन्थों की रचना की है, जिनमें तीन महाकाव्य, तीन नाटक एवं ऋतुसंहार नामक ग्रंथ की रचना की है। इसके अतिरिक्त ज्योतिषषास्त्र से सम्बन्धित ज्योतिविदाभरणम् नाम का इनका प्रसिद्व ग्रन्थ है। इन रचनाओं में जो वैषिष्टय है उसी के कारण वर्तमान में भी कालिदास की उतनी ही प्रतिष्ठा है जितनी पूर्व में थी। कालिदास महाकाव्यों के रचना में तो प्रवीण है ही बल्कि वे नाटकीयता में भी सर्वाधिक निपुण कवि है। उनका उपमा प्रयोग संस्कृत साहित्य में एक कीर्तिमान के रूप में स्थापित है।