सर छोटूराम का राजनैतिक जीवन
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सर छोटूराम ’दीनबंधु’ और ’रहबर-ए-आजम’Abstract
वैसे तो सर छोटूराम को ’दीनबंधु’ और ’रहबर-ए-आजम’ के नाम से जाना जाता है, लेकिन वे 1916-1945 तक पंजाब की राजनीति के युग में एक समाज सुधारक और राजनीतिक कार्यकर्ता थे। सर छोटूराम ने 1916-1919 की अवधि के दौरान रोहतक के तत्कालीन उपायुक्त एच. हरकोर्ट के साथ घनिष्ठ व्यक्तिगत संबंध स्थापित किए थे। हालाँकि, सर छोटूराम 1916 में अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और कांग्रेस कमेटी के रोहतक जिले के अध्यक्ष बने; पर अब वे कांग्रेस द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन के लिए लागू की गई नीतियों से संतुष्ट नहीं थे। इसलिए, उन्होंने इस राजनीतिक संगठन को त्याग दिया और 1924 में अपने सभी प्रशंसकों और अनुयायियों के साथ ’द पंजाब यूनियनिस्ट पार्टी’ में शामिल हो गए। अब वे अच्छी तरह जान गए थे कि यदि वे सार्वजनिक जीवन के एक व्यापक मंच पर आना चाहते हैं, तो उन्हें अपने पहले के रंग को काफी हद तक उतारना होगा। प्रस्तुत शोध पत्र 1916-1945 तक पंजाब की राजनीति में सर छोटूराम की भूमिका पर प्रकाश डालता है। पत्र में उनके राजनीतिक जीवन के कुछ पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया है।