पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि का उनके महाविद्यालयी वातावरण से तुलनात्मक अध्ययन
Keywords:
यह सर्वविदित है कि आज विश्व सम्पूर्ण यंत्रीकरण की दिशा में अग्रसर हो रहा हैAbstract
यह सर्वविदित है कि आज विश्व सम्पूर्ण यंत्रीकरण की दिशा में अग्रसर हो रहा है जिसके कारण शारीरिक प्रयास और भी कम होने लगेगा जो वास्तव में मनुष्य की उत्तरजीविता के लिए हानिकारक सिद्ध होगा। पतन की बाढ़ को रोकना है, नही तो मनुष्य का अस्तित्व मस्तिष्क तक ही सीमित रह जायेगा। मनुष्य के विकास मे शिक्षा और संस्कारो की प्रमुख भूमिका होती है। शिक्षा का उद्देश्य जहाँ एक ओर बालक के मस्तिष्क में ज्ञान का दीप जलाना है वहीं दूसरी ओर उसके व्यक्तित्व का संतुलित विकास करना भी है। शिक्षा के विभिन्न उद्देश्य जैसे मानसिक विकास, शारीरिक विकास, सांस्कृतिक विकास, जीविकोपार्जन, राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण, व्यक्तित्व का विकास, समायोजन की क्षमता आदि को स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मस्तिष्क के बिना प्राप्त किया जाना प्रायः असम्भव है। शिक्षा एक ऐसा व्यापक शब्द है जिसके विषय में प्राचीन काल के विद्वानों ने शिक्षा को विद्या की संज्ञा दी थी और शिक्षा का एक मात्र उद्देश्य बालक के ज्ञान को विकसित करना था। केवल मात्र बौद्धिक विकास को सर्वांगीण विकास माना जाता था। आज शिक्षा के अर्थ के सम्बन्ध में वह प्राचीन धारणा बदल गई है।