सी.बी.एस.ई. बोर्ड के स्कूलों में खेलकूद शारीरिक शिक्षा क्रियाकलापों की अनिवार्यता
Keywords:
शस्त्र और शास्त्र ,समाजीकरण, ग्रुप डायनॉमिक्स, पहल ,पीरियड ,मोटा ,ओवरवेट ,सीबीएसई ,हार्मोन, कोर्टिसोलAbstract
शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य विषय का अध्ययन कोई भी काल रहा हो स्कूलों, विद्यालयों, कालेजों, मदरसों मकतबों मे होता चला आ रहा है क्योंकि विद्यार्थी ही किसी देश के भविष्य होते हैं और आगे आने वाले समय में देश की सभी आर्थिक, सामाजिक ,मनोवैज्ञानिक नीतियों का भार इन्हीं के कंधों पर पड़ने वाला होता है|अगर ये शारीरिक ,मानसिक ,मनोवैज्ञानिक, बौद्धिक दृष्टि से मजबूत ना हुए तो देश की अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है| राष्ट्र बीमारू राष्ट्र की श्रेणी में आ सकता है| मेडिकल व्यवस्था पर अनायास ही खर्चा बढ़ जाता है| भारतवर्ष के सभी राज्यों में इसी दृष्टिकोण को दृष्टिगत रखते हुए शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य विषय को प्राइमरी से डिग्री स्तर तक अनिवार्य कर दिया गया है| सी बी एस ई बोर्ड ने तो इस अनुशासित विषय को पहले से ही अनिवार्य कर रखा है और लगातार इस विषय को अनिवार्य होने के साथ-साथ शारीरिक क्रियाकलापों एवं खेल के माध्यम से स्वास्थ्य के मूल्यांकन करने पर भी जोर दे रहा है, जिससे भारत के छात्र रुग्ण अवस्था में ना रहे और मधुमेह, मोटापा आज जो वैश्विक रूप से पनप रहे हैं उससे अछूते रहे|